शीर्षासन योग के चमत्कारिक लाभ | मन को शांत करने के लिए योगासन-amazing benefits of headstandyoga,yoga asanas to calm the mind in hindi

हठयोग के अंतर्गत आने वाले आसनों में से शीर्षासन है।शीर्षासन को योगासनों का राजा कहा गया है, क्योंकि यह स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अति उत्तम योगासन है। इस योग के अनगिनत लाभ हैं।आज के समय में सबसे अधिक समस्या है मन की अशान्ति 

 व्यक्ति में सहनशक्ति का हास हो गया है । इसका सबसे बड़ा कारण है जीवन की अधिक व्यस्तता ,आपा धापी ,छमता से अधिक कार्य तो इस स्थिति में मन को कैसे शान्त करें यह सबसे बड़ा प्रश्न है ।


 शीर्षासन योग के चमत्कारिक लाभ | मन को शांत करने के लिए योगासन-amazing benefits of headstandyoga,yoga asanas to calm the mind in hindi

ऐसे में शीर्षासन अधिक लाभदायक है । यह आसन मस्तिष्क में रक्त संचार को बढ़ाकर आंख, नाक ,कान और गले से संबंधित बीमारियों को दूर करने के साथ-साथ मानसिक एकाग्रता को बढ़ाकर मन की शांति, तनाव, चिंता, डिप्रेशन आदि को दूर करने की अद्भुत क्षमता है शीर्षासन में।

शीर्षासन क्या है-what is headstand yoga

इस आसन को करते समय सिर के बल खड़े होना पड़ता है।जबकि सामान्य अवस्था में व्यक्ति सीधा अपने पैरों पर खड़ा होता है ठीक इसके विपरीत शीर्षासन में सिर के बल खड़े होना होता है। सिर नीचे और दोनों पैर ऊपर की तरफ होते हैं। इसीलिए इस आसन को शीर्षासन कहा गया है। अंग्रेजी में इस आसन को हेड स्टैंड पोज के नाम से जाना जाता है। अब आइए जानते हैं।

 शीर्षासन करने की विधि-steps of headstand pose

शीर्षासन योग के चमत्कारिक लाभ | मन को शांत करने के लिए योगासन-amazing benefits of headstandyoga,yoga asanas to calm the mind in hindi


1- धोती या किसी लंबे वस्त्र की गोलाकार गद्दी बनाएं। दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में डालकर कोहनी तथा हाथ को जमीन पर टिकाए। गद्दी को हाथों के बीच में रखें।

2- सिर का अग्रभाग गद्दी पर एवं घुटने जमीन पर टिके हुए हो। अब शरीर का भार ग्रीवा एवं कोहनियों पर संतुलित करते हुए पैरों को भूमि के समानांतर सीधा करें।

3- अब एक घुटने को मोड़ने हुए ऊपर उठाएं,उसके पश्चात दूसरे घुटने को भी ऊपर उठाकर मोड़ कर रखें।

4- अब मुड़े हुए घुटनों को क्रमश: एक-एक करके ऊपर उठाने की चेष्टा करें। प्रारंभ में शीघ्रता नहीं करनी चाहिए। धीरे-धीरे पैर सीधे होने लगेंगे। जब पैर सीधे हो जाएं तो आपस में मिलाकर प्रारंभ में थोड़ा आगे की ओर झुका कर रखें, नहीं तो पीछे की ओर गिरने का भय होता है।

5-आंखें बंद रहे ,श्वास विश्वास की गति सामान्य रहे।

6- जिस क्रम से पैर ऊपर उठे थे उसी क्रम से वापस पूर्व स्थिति में लाने चाहिए। अपनी प्रकृति के अनुकूल शीर्षासन के बाद शवासन करें या खड़े हो जाएं। जिससे रक्त का प्रवाह जो मस्तिष्क की ओर हो रहा था वह सामान्य हो जाए।

शीर्षासन करने का समय

यह आसन 15 सेकंड से आरंभ करके आधे घंटे तक कर सकते हैं।अधिक अभ्यास किसी के सानिध्य में करें। सामान्य अवस्था में पांच से 10 मिनट तक करना पर्याप्त है।

शीर्षासन करने के लाभ-benefits of headstand yoga pose

1- यह आसन सब आसनों का राजा है ।इससे शुद्ध रक्त मस्तिष्क को मिलता है जिससे आंख ,कान, नाक आदि को आरोग्य प्रदान होता है।

2- पिट्यूटरी एवं पीनियल ग्लैंड को स्वस्थ करके मस्तिष्क को सक्रिय करता है।

3- शीर्षासन याददाश्त को बढ़ाता है मेधा एवं धारणा शक्ति का विकास करता है।

4- पाचन तंत्र, आमाशय, आंत्र एवं यकृत को सक्रिय कर जठराग्नि को प्रदीप्त करता है।

5- आंत्र वृद्धि, आंतों की शोथ और हिस्टीरिया एवं अंडकोष वृद्धि, हर्निया, कब्ज आदि रोगों को दूर करता है।

6- थायराइड ग्लैंड को सक्रिय कर दुर्बलता व मोटापा दोनों को दूर करता है क्योंकि यह दोनों व्याधियां थायराइड की क्रिया के अनियमित होने से होती है।

7- थायराइड ग्लैंड को सक्रिय करके ब्रम्हचर्य को स्थिर करता है।

8- स्वप्नदोष, प्रमेह, नपुंसकता,बंध्यापन आदि धातु रोगों को नष्ट करता है।

9- मुख्य मंडल पर ओज एवं तेज की वृद्धि करता है।

10- असमय बालों का झड़ना एवं सफेद होना दोनों ही व्याधियों को दूर करता है।

11- इस आसन के नियमित अभ्यास से व्यक्ति हमेशा जवान बना रहता है। बुढ़ापे का असर उस पर जल्दी नहीं होता है चेहरे की चमक बढ़ती है।

शीर्षासन करते समय सावधानियां-precautions of doing headstand yoga

1- जिनके कान बह रहे हो या कानों में पीड़ा हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए।

2- निकट दृष्टि का चश्मा हो या आंखों पर अधिक लालिमा हो तब भी यह आसन नहीं करना चाहिए।

3- हृदय एवं उच्च रक्तचाप तथा कमर दर्द के रोगी इस आसन को न करें।

4- भारी व्यायाम करने के तुरंत बाद शीर्षासन नहीं करना चाहिए।

5- इस आसन को करते समय शरीर का तापमान सम होना चाहिए।

6- जुकाम, नजला आदि होने पर भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।

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