पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना या कमर दर्द एक गंभीर परेशानी होती है। आज के बदलते परिवेश और भागदौड़ भरे जीवन में पीठ के निचले हिस्से का दर्द का कारण बन रही है। यह बीमारी उम्र के किसी भी पड़ाव में हो सकती है इसके लिए यह आवश्यक नहीं है कि यह केवल वृद्धा अवस्था में ही होती है।
महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान व मासिक के समय कमर में दर्द होना आम बात देखी जाती है। एक ही स्थिति में अधिक देर तक बैठे रहने के कारण पेट के निचले हिस्से में दर्द या कमर में दर्द होता है। विटामिन की कमी कैल्शियम आर्थराइटिस और मांसपेशियों के खिंचाव के कारण यह दर्द होता है। आज हम इस लेख में विस्तार पूर्वक जानेंगे कि कुछ आसान उपाय हैं जिनके द्वारा इस दर्द में राहत मिल सकती है।
पीठ के निचले
हिस्से में दर्द क्या है-what is lower back pain
पीठ के निचले हिस्से में दर्द से राहत के लिए आसान उपाय-easy tips for lower back pain in hindi
पीठ के निचले
हिस्से में दर्द होने के कारण-lower back pain ke karan
गलत तरीके से
बैठना एक ही स्थान पर अधिक देर तक एक ही पोजीशन में बैठना और मांसपेशियों का
खिंचाव होना इस दर्द का कारण बनता है। आयुर्वेद के अनुसार कमर के दर्द का कारण बात
और कफ का दोष होता है। पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने के बहुत से कारण होते
है। जो इस प्रकार है।
पीठ के निचले हिस्से के दर्द का कारण तनाव
जब भी कोई
व्यक्ति तनाव में होता है तो उसकी मांसपेशियां अकड़ जाती है। तनाव का सबसे ज्यादा
असर गले और पीठ की मांसपेशियों पर पड़ता है। जिन लोगों को पीठ दर्द की समस्या होती है वे लोग अधिक समय से
तनावग्रस्त होते हैं। इसलिए हमें ऐसा प्रयास करना चाहिए कि तनावग्रस्त होने से
बचना चाहिए।
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट
अधिक देर तक टीवी
,मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रॉनिक गजट को देखने से व्यक्ति को एक ही स्थिति में
काफी देर तक बैठना पड़ता है, या फिर झुकना पड़ता है। ऐसा
करने से मांसपेशियों में अकड़न हो जाती है।कभी-कभी लोग मोबाइल को देखने में गर्दन
को नीचे झुका कर अधिक देर तक देखते रहते हैं जिसके कारण गर्दन में तो दर्द पैदा ही
होता है ,साथ-साथ शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित होते हैं।
शुरुआती समय में तो यह नहीं जान पड़ता लेकिन धीरे-धीरे यह पीठ के निचले हिस्से का
दर्द का कारण बन जाता है। इसलिए ऐसा करने से बचना चाहिए और अधिक देर तक एक ही
स्थिति एक ही पोजीशन में नहीं बैठना चाहिए बीच-बीच में ब्रेक लेते रहना चाहिए।
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मांसपेशियों का सामंजस्य बिगड़ जाना
शरीर के सभी अंगो
का आपस में सामंजस्य होता है। पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना केवल पीठ की ही
समस्या से नहीं होता यह अन्य अंगों की गड़बड़ी के कारण भी होता है।क्योंकि जब
शारीरिक अंगों का सामंजस्य बिगड़ जाता है तब भी ऐसी समस्याएं जन्म लेती है।
पीठ के निचले
हिस्से के दर्द का कारण गंभीर बीमारी-lower back pain ka
karan gambir bimari
अल्सर या किडनी में
इन्फेक्शन होना भी दर्द का कारण बनता है। और कभी कभी पीठ का दर्द कैंसर को भी
इंगित करता है। रीढ़ की हड्डी में दर्द
इंफेक्शन के कारण भी होता है।
पीठ के निचले
हिस्से में दर्द के लक्षण के अनुसार
बीमारी के संकेत-lower back pain ke anisar bimari ke
sanket
1-बड़ी आत
मे सूजन बार बार पेट में ऐठन होने से भी पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है।
2-रीढ़ की
हड्डी में दर्द होना छय रोग का भी संकेत देता है।
3-ऐसी
स्थितियों में तत्काल किसी योग्य चिकित्सक के परामर्श के अनुसार चिकित्सा करनी
चाहिए।
पीठ के निचले
हिस्से में दर्द से बचाव- how to prevent lower back pain
अपने रहन-सहन और
संबंधित शारीरिक गतिविधियों के कारण ही पीठ के निचले हिस्से में दर्द होता है। यदि
इसमें थोड़ा सा परिवर्तन किया जाए तो इससे बचाव भी हो सकता है। इसके लिए कुछ तरीके
हैं।
1-सही तरीके से बैठना
जब भी कुर्सी पर
बैठे हैं तो हमेशा ध्यान रखें की पीठ को सहारा मिलता रहे। आगे झुकने पर हाथ का भी
सहारा लिया जा सकता है। थोड़ी थोड़ी देर में कुर्सी से उठ जाएं और थोड़ा इधर-उधर टहल
जाएं। य कहीं एक ही स्थिति में अधिक देर तक ना बैठे रहैं बीच बीच में गैप करते
रहें।
2-कंप्यूटर पर कार्य करते समय
जब भी कंप्यूटर
कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम कर रहे हो तब अपनी कमर और गर्दन को अधिक नीचे की तरफ न झुकाएँ
केवल नजर नीचे की तरफ करें गर्दन को अपने स्थान
पर रहने दे। मोबाइल देखते समय भी गर्दन को अधिक नीचे की तरफ न झुकाएं।
3-थोड़ा टहले घूमे
4-कोई भी
बैठकर करने वाले कार्य हो तो उसके बीच बीच थोड़ा इधर-उधर टहल लें। ऐसा करने से पीठ
के निचले हिस्से में दर्द से आराम मिल
सकता है।
5-भारी
वजन उठाते समय हमेशा यह ध्यान रहे कि एकदम नीचे बैठकर के वजन को ना उठाए ऐसा करने से आपकी पीठ के निचले हिस्से में दर्द
हो सकता है।
6-अपने
खानपान की आदतों में परिवर्तन करें ध्यान रहे कि हमेशा पौष्टिक भोजन करें जिससे
शरीर को स्वस्थ रखा जा सके और शरीर पर अतिरिक्त दबाव न पड़े।क्योकि आहार में स्वास्थ्य का राज छिपा है
7-सोने के
तरीके में परिवर्तन करके पीठ के निचले हिस्से में दबाव को कम किया जा सकता है।
सोने का सबसे सही तरीका है करवट लेकर सोए और पैरों के बीच में तकिया लगा ले।
8-हमेशा
मानसिक तनाव से बचें गहरी सांस लें तनाव को दूर करें। योग प्राणायाम ध्यान करने से
तनाव दूर होता है और दिमाग शांत रहता है।
9-धूम्रपान
करने से भी पीठ दर्द की समस्या बढ़ जाती है। धूम्रपान को छोड़ने से पीठ के दर्द का
खतरा कम होता है बल्कि कैंसर डायबिटीज और अन्य गंभीर बीमारियों से भी बचाव होता
है।
प्रतिदिन योगा करें
सलभासन
पेट के बल लेटकर
दोनों हाथों को अपनी जांघ के नीचे रखें।अपनी श्वास को अंदर की ओर खींचते हुए पहले
दाहिने पैर को बिना मोड़े धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं कुछ सेकंड तक रोककर दाहिने
पैर को उसी स्थिति में रखे हुए बाएं पैर को दाहिने पैर की तरह ऊपर की ओर उठाइए।
ऐसा करते समय आपकी ठोड़ी जमीन से जुड़ी रहनी चाहिए। स्वास को छोड़ते हुए उसी
स्थिति में वापस आए आप अपनी क्षमता अनुसार है इस क्रम को दोहरा सकते हैं।
मकरासन
पेट के बल लेटकर
हाथ की कोहनीयों को मोड़कर बिल्कुल सीधे हथेलियों पर ठोड़ी को रखिए।धीरे-धीरे गहरी
सांस खींचते हुए दोनों पैर की एड़ियों को कूल्हे से सटाने का प्रयत्न करें। स्वास को
छोड़ते हुए प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाए।
धनुरासन
शरीर को धनुष के
समान मोड़कर बनाना ही धनुरासन कहलाता है। पेट के बल लेटकर दोनों पैरों के घुटने को
मोड़कर कूल्हे के ऊपर लाकर दोनों हाथों से दोनों पंजों को पकड़िए। स्वास अंदर की
ओर खींचते हुए धीरे-धीरे ऊपर उठाइए एवं धनुष के समान आकार बनाइए। ऐसा करते समय
गर्दन को सीधा रखते हुए सामने की ओर देखें।सास को छोड़ते हुए अपनी प्रारंभिक
स्थिति में वापस आ जाए।
भुजंगासन
शरीर को सांप की
आकृति के समान बनाना ही भुजंगासन कहलाता है इसमें सबसे पहले पेट के बल लेटकर
हथेलियों को छाती के बाजू में रखकर पंजे मिलाते हुए कोहनियों को थोड़ा ऊपर उठाकर
स्वास भरते हुए सिर को ऊपर उठाएं। नाभि जमीन पर लगी हो सिर को पीछे की ओर मोड़ें।
प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं अपनी शारीरिक सामर्थ्य के अनुसार इस आसन को
करें।
मर्कटासन
मर्कटासन पीठ के
पिछले हिस्से में दर्द के लिए उत्तम आसन माना जाता है।इस आसन को करने के लिए पीठ
के बल लेट जाएं दोनों हाथों को कंधे की सीध में फैलाएं। हथेलियों को खुला रखें
पैरों को घुटनों से मोड़ ले। दाहिने ओर पैरों को मोड़कर बाएं तरफ गर्दन को मोड़
ले।
पीठ के निचले
हिस्से में दर्द के इलाज करने के लिए घरेलू उपाय-home remedies
for lower back pain
1-अदरक को
कमर दर्द में आरामदायक औषधि माना जाता है। जब कभी भी पीठ के निचले हिस्से में दर्द
हो तो अदरक को कूटकर पेस्ट बना लें और दर्द वाले स्थान पर लगा दे इससे आराम मिलता
है।
2-लौंग के पाउडर और आधा चम्मच काली मिर्च और अदरक का
पाउडर मिलाकर गर्म करें और ठंडा होने पर उसको पीने से आराम मिलता है।
3-पीठ के
निचले हिस्से में दर्द के लिए 8 से10
तुलसी की पत्तियों को लेकर एक गिलास पानी में डाल दे और तब तक गुनगुना करें जब तक
गिलास का पानी आधा रह जाए। ठंडा करके
उसमें एक चुटकी नमक मिलाएं और इस को काफी दिनों तक सेवन करने से पीठ के निचले
हिस्से में दर्द से आराम मिलने लगता है।
4-खसखस के
बीज और मिश्री का पाउडर सुबह-शाम दो चम्मच एक गिलास दूध के साथ सेवन करने से कमर
दर्द में आराम मिलता है।
5-पीठ के
निचले हिस्से में दर्द या कमर दर्द में लहसुन का प्रयोग करने से आराम मिलता है।
लहसुन की 3 से 4 कलियों का सेवन करना
शुरू कर दें इससे कमर दर्द में आराम मिलने लगेगा।
6-थोड़े
से सरसों के तेल में लहसुन की चार से पांच कलियों को डालकर जब तक वह कलियां काली
ना हो जाए तब तक गर्म करें। और इस तेल को दर्द वाले स्थान पर मालिश करने से आराम
मिलता है।
7-बर्फ से
भी पीठ के निचले हिस्से में दर्द में आराम
मिलता है। बर्फ में सूजन और दर्द को दूर करने का गुण होता है इसलिए पीठ की निचले
हिस्से में दर्द के लिए बर्फ से धीरे-धीरे सिकाई करें।
8-गेहूं
की रोटी एक तरफ सेके और एक तरफ कच्ची रखें और उसके ऊपर तिल का तेल डालकर जिधर
कच्ची रोटी है उसको कमर दर्द वाले स्थान पर बांध ले इससे कमर दर्द में आराम मिलने
लगता है।
9-पीठ के
निचले हिस्से में दर्द से आराम पाने के लिए सेंधा नमक का प्रयोग अच्छा आराम देता
है। सेंधा नमक को पानी में डालकर एक पेस्ट तैयार कर ले और कपड़े से निचोड़ दें बचा
हुआ पानी भी बाहर निकल जाए अब इस पेस्ट को अपनी कमर में लगा ले सेंधा नमक दर्द को
कम करता है और राहत प्रदान करता है।
10-भाप से
सिकाई करना आयुर्वेदिक उपचार होता है। गर्म पानी को किसी तौलिए मैं लगाकर उसे
निचोड़ लें और उस तोलिया की भाप कमर दर्द वाले हिस्से पर लेने से आराम मिलने लगता
है।
11-दूध
में कैल्शियम और अन्य ऐसे तत्व पाए जाते हैं जिसका सेवन करने से कमर दर्द में आराम
मिलता है। यदि कमर में दर्द होता है तो दूध का सेवन करें इससे कमर दर्द में आराम
मिलने लगेगा।
आवश्यक बात
यदि घरेलू उपचार
से दर्द में आराम नहीं होता तो लंबे समय तक इंतजार ना करें और किसी चिकित्सक के
पास जाकर उसका परामर्श लें।
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