वक्रासन योग करने की विधि लाभ और सावधानी-Benefits And Precautions Of Doing Vakrasana Yoga

 वक्रासन योग करने की विधि लाभ और सावधानी-Benefits And Precautions Of Doing Vakrasana Yoga In Hindi

पुराने समय से भारत के योग गुरुओं ने योग पर विशेष जोर दिया है।

क्योंकि उनको यह पता था कि योगासन एक ऐसी विधा है जिसके माध्यम से शरीर और मन दोनों को पूर्ण रूप से रोग मुक्त किया जा सकता है।

योग एक ऐसा माध्यम है जो व्यक्ति को अपने अंदर तक मन की गहराइयों तक ले जाने का काम करता है।

एक योगी अपनी समस्याओं का समाधान बाहर नहीं बल्कि अपने अंदर खोजता है।

वक्रासन योग क्या है

वक्रासन योग करने की विधि लाभ और सावधानी-Benefits And Precautions Of Doing Vakrasana Yoga In Hindi


वक्रासन योग बैठकर किए जाने वाले आसनों में एक महत्वपूर्ण आसान है। वक्रासन दो शब्दों से मिलकर बना है। पहला है वक्र अर्थात टेढ़ा- मेढ़ा या मुड़ा हुआ। दूसरा है आसन अर्थात बैठने की विधि।

 इस आसन में बैठने से रीढ़ की हड्डी मुडी हुई होती है इसीलिए इसका नाम वक्रासन पड़ा। शारीरिक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से वक्रासन  शरीर के विभिन्न अंगों के लिए काफी लाभदायक होता है।

यह आसन हठयोग से संबंधित आसन माना जाता है इसलिए इसका अभ्यास अधिक देर तक करने की सलाह नहीं दी जाती है। अधिकतम 1 मिनट तक ही इस आसन को करना चाहिए।

वक्रासन करने से मानसिक तनाव दूर होता है। मधुमेह जैसी बीमारियों से वक्रासन बचाता है।

अब आइए जानते हैं इस आसन को करने की विधि क्योंकि सही तरीके से किए जाने वाले आसन के लाभ अधिक मिलते हैं।

वक्रासन करने की विधि

1- अपने दोनों पैरों को जमीन पर फैला कर बैठ जाए।

2- ध्यान रखने वाली बात है कि आपके दोनों पैरों के बीच में दूरी नहीं होनी चाहिए।

3- अब बाएं पैर को घुटने से मोड़कर और इसको उठाकर दाहिने घुटने के बगल में रख लें।

4- अब रीढ़ की हड्डी को सीधी रखते हुए तथा स्वास को छोड़ते हुए कमर को बाई तरफ मोड़े।

5- अब अपने हाथों की कोहनी से बाएं पैर के घुटने को दबाव के साथ अपनी ओर खींच लें।

6- पैर को खींचते समय इस तरह से आपको पैर को खींचना है कि आपके पेट में थोड़ा सा दबाव आ जाए।

7- अब इस मुद्रा में 30 से 60 सेकंड तक आप बने रहें। अपनी सुविधा अनुसार।

 8- फिर अपनी श्वास को छोड़ते हुए प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।

9- इसी तरह दूसरी ओर से भी इसी प्रक्रिया को दोहराएं।

10- ऐसा करते हुए आपका एक चक्र पूरा हो जाता है।

वक्रासन करते समय ध्यान रखने वाली महत्वपूर्ण बातें।

1- इस आसन का अभ्यास सुबह के समय यदि किया जाए तो ज्यादा अच्छा रहता है।

2- इस आसन को करते समय आपका पेट खाली होना चाहिए। सौच इत्यादि से निवृत होने के बाद ही इस आसन को करना चाहिए।

 वक्रासन में स्वास की प्रक्रिया कैसी होनी चाहिए।

1- इस आसन का अभ्यास करते समय स्वास को धीरे-धीरे ले और धीरे-धीरे श्वास को छोड़ें।

2- एक लंबी सांस लेते हुए आरंभिक अवस्था में आना है।

वक्रासन के फायदे

इस आसन को करने से कई तरह के शारीरिक लाभ मिलते हैं जैसे

1- मांसपेशियों को लचीला और मजबूत बनाता है वक्रासन

वक्रासन का नियमित अभ्यास करने से मांसपेशियां लचीली और मजबूत हो जाती है। इस आसन का अभ्यास करने से रीढ़ की हड्डी, कूल्हे की हड्डी, गर्दन और कंधे में मजबूती आती है।

2- डायबिटीज में लाभदायक वक्रासन

इस आसन का अभ्यास करने से मधुमेह ,डायबिटीज जैसी बीमारियां ठीक हो जाती है क्योंकि इस आसन को करते समय पैंक्रियाज एक्टिवेट हो जाता है और इंसुलिन का स्राव सही मात्रा में होने लगता है।

3- मोटापा को कम करने के लिए वक्रासन योग फायदेमंद

इस आसन का अभ्यास करने से पेट की चर्बी कम हो जाती है। कमर में अतिरिक्त जमा हुआ फैट दूर होता है। बढ़ते हुए पेट से भी राहत मिलती है क्योंकि इस आसन का अभ्यास करने से पेट पर दबाव पड़ता है।

4- तनाव को कम करता है वक्रासन

इसके नियमित अभ्यास से शारीरिक स्वास्थ्य लाभ तो मिलते ही हैं, साथ में मानसिक स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होते हैं। जिससे तनाव काफी हद तक दूर हो जाता है और शरीर में एक नई ऊर्जा का संचार होता है।

5- पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है वक्रासन

इस आसन के अभ्यास से पाचन संबंधित समस्त प्रकार के विकार दूर हो जाते हैं।

6- स्वसन तंत्र को मजबूत करता है वक्रासन।

इस आसन का अभ्यास करने से फेफड़े मजबूत बनते हैं ,और उनके कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती है ।इसलिए स्वास से संबंधित सभी प्रकार की बीमारियों में यह आसन लाभदायक है।

7- शरीर की गंदगी को बाहर निकालता है वक्रासन

वक्रासन का नियमित अभ्यास करने से शरीर के अंदर जमा टॉक्सिंस बाहर निकलता है ,और शरीर में असमय होने वाली बीमारियां नहीं होती हैं। शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होता है।

वक्रासन करने से पहले करने वाले आसन

1-वीरासन

2-बद्ध कोणासन

वक्रासन करने के बाद में किए जाने वाले आसन

1-पश्चिमोत्तानासन

 2-जानु शीर्षासन

वक्रासन करते समय सावधानियां

1- यदि पेट में दर्द है तो वक्रासन नहीं करना चाहिए।

2- घुटनों में किसी प्रकार का दर्द होने पर भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।

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