मानव जीवन में योग का महत्व और लाभ
मानव जीवन में योग का व्यापक महत्व है। और इस को अपनाने से शारीरिक स्वास्थ्य
भी उत्तम रहता है। हमारे दैनिक जीवन में सुख और शांति प्रदान करने
का एकमात्र रास्ता योग है। आज हम जीवन में योग के महत्व व् लाभ के बारे
में जानेंगे।
योग हमारे शरीर के साथ -साथ हमारे मानसिक
स्थिति को भी स्वस्थ रखता है। और इससे जो आनंद की अनुभूति होती है वह एक
साधक ही अनुभव कर सकता है।
हमें योग से जो आनंद की अनुभूति होती है, वैसे
एक तरफ सुख और दूसरी तरफ दुख होता है ,जबकि आनंद सुख से भी ऊपर होता है।
जब कोई व्यक्ति पहली बार योग करता है तब उसकी समझ
में आता है। कि
आनंद क्या होता है। उस
आनंद की अनुभूति ना तो भोग में है, और ना ही संभोग में है, और ना ही किसी अन्य
क्षणिक सुख में है।
योग को हम दो तरीके से जान सकते हैं। योग का पहला अर्थ होता है जोड़ना, और
दूसरा अर्थ होता है समाधि या ध्यान।
बिना योग के समाधि में जाना आसंभव है।
जिस आनंद को प्राप्त करने की बात यहां की गई है,
उस आनंद को प्राप्त करने की पहली सीढ़ी
योग है।
योग के द्वारा ही व्यक्ति समाधि की स्थिति तक
पहुंच सकता है, जिसे हम ध्यान योग भी कहते हैं। ध्यान योग के माध्यम से शरीर और
मस्तिष्क का मिलन होता है ,हमारा शरीर और मस्तिष्क एक दूसरे से जुड़ जाता है।
जबकि अन्य परिस्थितियों में हमारा शरीर कहीं और
होता है, और हमारा ध्यान कहीं और होता है। ध्यान योग शरीर व मस्तिष्क का संगम है। जिसको हम मेडिटेशन कहते हैं। मेडिटेशन का प्रचलन बहुत अधिक है ,बहुत
से रोगों का उपचार मेडिटेशन के द्वारा किया जाता है।
आज के भाग दौड़ भरी जिंदगी में व्यक्ति के ऊपर
काम का दबाव रिश्तो में दूरी और तनाव अधिक बढ़ रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में मेडिटेशन से
बेहतर कोई विकल्प नहीं है। ध्यान से मानसिक तनाव दूर होकर हमारे मन को एक
गहरी आत्मिक शांति महसूस होती है। जिससे हमारे शरीर में शक्ति की वृद्धि होती है
और रात को अच्छी नींद आती है, और मन की एकाग्रता बढ़ जाती है।
योग को सारे विश्व में अपनाया गया है 28 जून को विश्व योगा दिवस मनाया जाता है
।एवं सभी व्यक्तियों के लिए आवश्यक है।
योग के नियमित अभ्यास से शरीर को सभी प्रकार की
बीमारियों से मुक्त करके हम अपने शरीर को मजबूत और बलिष्ठ बनाते हैं।
समय
सुबह के समय खुली हवा में बैठकर नियमित 20 से 40 मिनट तक योग करने से शरीर चुस्त-दुरुस्त बनता है, और चेहरे पर निखार
आता है। मन को पूर्ण शांति मिलती है, और शरीर
में रक्त संचार संतुलित हो जाता है।
जीवन में योग का महत्व और लाभ
१ योग शरीर को लचीला और बलिष्ठ बनाता है
योग से हमारे शरीर के संपूर्ण अंगों और संपूर्ण
ग्रंथियों का एक प्रकार का व्यायाम हो जाता है । जिससे हमारा शरीर सुचारू रूप से कार्य
करने लगता है।
हमारे शरीर को योग के द्वारा बल मिलता है, जिससे हमारा शरीर प्रतिदिन मजबूत ,बलिष्ठ,
कांतिवान बन जाता है, और शरीर के सभी अंगो का व्यायाम हो जाने के कारण हमारा शरीर
लचीला, सुडौल बन जाता है। शारीरिक सुंदरता में योग का महत्वपूर्ण योगदान
है ।इसको हम अपने जीवन में अपनाकर के अपने
शरीर को बलिष्ठ और सुंदर बना सकते हैं।
ताजगी और स्फूर्ति
प्रतिदिन योग करने से व्यक्ति प्रकृति के नजदीक
पहुंचकर प्रकृति से सुंदर अनुभवों को महसूस करता है। प्रकृति से जुड़ने पर हमारा मन शांत
और शरीर हमेशा तारो और ताजा स्फूर्तिवान
बना रहता है।
योग के द्वारा मन की शांति
योग करने से हमारे मन में एक बहुत अच्छी शांति
आती है। जिससे हमारा मन अशांत नहीं होता और
हमारे शरीर के समस्त विकार दूर होकर के मन विकार रहित हो जाता है। नियमित लोगों के अभ्यास से, ध्यान से
मस्तिष्क शांत हो जाता है। शरीर संतुलित रहता है।योग दिमाग के दोनों हिस्सों को दुरुस्त
करता है। व्यक्ति
के बुद्धि का निखार होता है ,आत्म नियंत्रण की शक्ति बढ़ती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता
योग के द्वारा हमारे मन की चंचलता नष्ट हो जाती
है। और हमारा मन एकाग्र हो जाता है। जिससे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक
क्षमता का विकास होता है और हमारा शरीर बलवान ,निरोगी कांतिवान हो जाता है।
तनाव से मुक्ति
योग करने से व्यक्ति समस्त तनाव से दूर हो जाता
है। योग में ध्यान को अपनाकर मन शांत हो
जाता है, और हमारे मन मस्तिष्क में चलने वाले अनायास विचारों का आना बंद हो जाता
है। जिससे हमारा मन पूरी तरह से तनाव
मुक्त हो जाता है।
दर्द और मोटापा से मुक्ति
योग करने से शरीर लचीला हो जाता है। शरीर को शक्ति मिलती है, इसके नियमित
अभ्यास से पेट का दर्द ,कमर का दर्द ,गर्दन का दर्द, जोड़ों का दर्द समस्त प्रकार
के दर्द जो भी जॉइंट पेन होते हैं। वह दूर हो जाते हैं और मोटापा घट जाता है।
रोगों से मुक्ति
योग से श्वास की गति पर नियंत्रण बढ़ता है। जिससे स्वास्थ्य संबंधी रोग योग करने
वाले व्यक्ति को नहीं होते हैं।
रक्त संचार का संतुलन
विभिन्न प्रकार के योग और प्राणायाम के द्वारा
शरीर में रक्त का प्रवाह ठीक ढंग से होने लगता है। नित्य योग से मधुमेह का लेवल घटता है,
इसको हम शुगर कहते हैं। बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, इसके कारण
मधुमेह के रोगियों के लिए योग एक बहुत ही आवश्यक विकल्प है। शरीर में रक्त का संचार अधिक होने
लगता है।
हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों का संवहन अच्छे तरीके
से मिलने लगता है। जिससे
त्वचा और आंतरिक अंग स्वस्थ बनते हैं लकवा जैसी बीमारी से मुक्ति मिलती है।
सामाजिक सामंजस्य
सामाजिक सामंजस्य स्वयं अपने ही अंदर खुश होने
की और अन्य लोगों को खुशी बनाने की योग्यता है। लोगों के साथ वास्तविक संपर्क व समाज
में उत्तर दायित्व ग्रहण करना, और समाज के हित के लिए कार्य करना सामाजिक सामंजस्य
है। हमारे युग में बढ़ती हुई समस्याओं में
नशीले पदार्थों का सेवन यह एक प्रकार से सामाजिक बीमारी है। जीवन में योग की प्रणाली रोग का समन
विरोध करने में सहायक है, और जनता को एक नया सार्थक उद्देश्य और जीवन में प्रयोजन
प्रदान कर सकती है।
एक अच्छे सकारात्मक सत्संग का हमारे मानस पर
महान प्रभाव पड़ता है। क्योंकि ऐसा साहचर्य हमारा व्यक्तित्व और
चरित्र को ढालता है, और निरूपित करता है। सत्संग अध्यात्मिक विकास में अधिक
महत्वपूर्ण है।
दैनिक जीवन में युवक जीवन बिताने का अर्थ अपने स्वयं के लिए और औरों के लिए कार्य
करना है।
इसका अर्थ अपने पड़ोसियों के लिए और समाज के लिए मूल्यवान और रचनात्मक कार्यकर्ता
प्रकृति और पर्यावरण को बनाए रखना, और विश्व में शांति के लिए कार्य करना। योग का अभ्यास करने का अर्थ सकारात्मक
भावना में रहना और सभी प्रकार के मानव के कल्याण के लिए कार्य करना। ऐसे व्यक्ति का सामाजिक सामंजस्य
बेहतर होता है।
योग के द्वारा व्यक्ति को कई लक्ष्य प्राप्त हो सकते हैं
व्यक्ति के जीवन में सभी प्रकार के जीवो के
प्रति प्रेम और सहायता का भाव उत्पन्न हो जाता है ।जीवन के प्रति सम्मान और प्रकृति और
पर्यावरण का संरक्षण करने का भाव हो जाता है। मानसिक शांति पूर्ण प्राप्त होती है। पूर्व शाकाहारी भोजन लेता है। शुद्ध विचार और सार्थक सकारात्मक
जीवनशैली, शारीरिक ,मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास बढ़ जाता है।
अर्थात हम कह सकते हैं कि योग हमारे जीवन के
लिए महत्वपूर्ण है।
अपने जीवन में इस को अपनाकर समस्त प्रकार की शारीरिक, मानसिक व्याधियों से मुक्त
होकर संसार में सामाजिक सद्भावना बढ़ाने का कार्य कर सकते हैं। योग हमारे जीवन से जुड़ा हुआ एक अंग
है। हमें दैनिक जीवन में उसको अपनाना
चाहिए।
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