क्या डिप्रेशन वाला व्यक्ति कपालभांति कर सकता है

 

क्या डिप्रेशन(dipression) वाला व्यक्ति कपालभांति कर सकता है-kya dipression wala vyakti kapalbhati kar sakta hai

जी हाँ डिप्रेशन वाला व्यक्ति कपालभांति कर सकता है और डिप्रेशन से छुटकारा मिल सकता है। आज कल पर्यावरण प्रदूषण व  बैचारिक प्रदूषण के कारण लोगो की  शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं ।


 जिससे डिप्रेशन ,चिंता ,तनाव जैसी समस्या जन्म ले रही हैं प्राणायाम एक ऐसा अभ्यास है जिसके द्वारा समस्त रोगों का उपचार संभव है ।

क्या डिप्रेशन वाला व्यक्ति कपालभांति कर सकता है


     

डिप्रेशन क्या है-dipression kya hai 

थोड़ा बहुत तनाव होना व्यक्ति के जीवन का हिस्सा है।जब किसी कार्य को करने के लिए व्यक्ति पर हल्का दबाव होता है ,तो वह कार्य सुचारू रूप से कर लिया जाता है। परंतु जब यह तनाव अनियंत्रित हो जाता है तब यह हमारे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। और यही अवसाद में या डिप्रेशन में बदल जाता है व्यक्ति को पता भी नहीं चलता कि कब ऐसा हुआ।जो व्यक्ति हमेशा तनाव में रहता है उसी को डिप्रेशन होता है। जिस चीज के प्रति व्यक्ति डरता है और उस स्थिति पर उसका नियंत्रण नहीं रहता है तब वह तनाव महसूस करने लगता है। उसी कारण से उसके ऊपर एक दबाव बनने लगता है और यदि व्यक्ति लंबे समय तक ऐसे ही रहता है, तो वह तनाव ग्रस्त जीवन जीने का आदी हो जाता है।

डिप्रेशन क्यों होता है-dipression kyon hota hai

व्यक्ति के जीवन में जब कोई परिवर्तन या संघर्ष होता है चाहे वह पारिवारिक और सामाजिक हो या आर्थिक समस्या हो।

शरीर में आए हारमोंस के बदलाव के कारण भी ऐसा होता है।

डिप्रेशन या अवसाद का कारण अनुवांशिक भी हो सकता है यदि परिवार में पहले से किसी को ऐसी समस्या रही हो तो अगली पीढ़ी में होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

कपालभाती प्राणायाम से डिप्रेसन में लाभ 

कपालभाती -से मस्तिष्क के सामने का हिस्सा सुद्ध करने का उत्तम उपाय है। इसके साथ ही पेट के अंगों तथा श्वसन क्रिया में भी सुधार होता है ।

मन को शान्त व शक्तिशाली बनाने की यह उत्तम बिधि है ।मानसिक थकावट होने पर इसकी दस आवृत्तियाँ थकावट दूर करके शरीर को उर्जा से भर देती है ।इससे मन की एकाग्रता बढ़ जाती है जो डिप्रेशन को कम करने  में सहायक है ।

कपालभाती का अभ्याश करने से रक्त का संचार शरीर के साथ –साथ मस्तिष्क की ओर अधिक मात्रा में होता है ।रक्त का संचार हाइपोथेलेमस की ओर होने से पीयूष ग्रंथि पर अच्छा प्रभाव पड़ता है ।जिससे हारमोंस का संतुलन होकर मानसिक सामर्थ्य बढ़ जाती है ।मानसिक सामर्थ्य बढ़ने से डिप्रेशन से बचा जा सकता है ।

कपालभाती के द्वारा –बंद पड़े वायु कोष खुलते है और स्वसन संस्थान की मांसपेशियों की क्रिया बढ़ जाती है ।और बेहतर रक्त संचार से कोशिकाओं में पोषक तत्वों का प्रवाह तेजी से होता है ।यदि डिप्रेशन वाला व्यक्ति कपालभाती करता है तो डिप्रेशन से काफी हद तक बचा जा सकता है  

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