गरुड़ासन (इगल पोज़ ) करने की विधि और फायदे-garunasan(eagal pose)karne ki
vidhi, faydeaur sawdhani
गरुड़ासन अन्य योगासनों के समान एक आसन है।इस आसन का नाम पौराणिक कथाओं में वर्णित पक्षीराज गरुड़ के नाम पर रखा गया है। इसे अंग्रेजी में ईगल पोज(Eagal Pose) भी कहा जाता है। इस आसन को करने से हमारे शरीर के अंग जैसे पैर ,कंधे ,कलाई ,टखने और कूल्हे पर असर पड़ता है।
इस आसन को करने से इन अंगों को मजबूती
प्राप्त होती है।इस लेख में गरुड़ासन को करने की विधि और उससे होने वाले फायदे के
बारे में बताया गया है।और साथ ही में इस आसन को करने पर कौन-कौन सी सावधानी रखनी
चाहिए यह भी बताया गया है।
गरुड़ासन करने की विधि-garunasan(eagal
pose) karne ki vidhi
1- कोई भी आसन करने से पहले आपको
शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार रहना पड़ता है। इसी तरह गरुड़ासन को करने के लिए
अपने आपको शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करें।
2- आप किसी ऐसे स्थान का चुनाव करें जो
समतल हो।आसन करने के लिए ऊंची नीची जगह
नहीं होनी चाहिए।
3- अब उस स्थान पर योगा मैट को बिछा दे।
4- योगा मैट पर ताड़ासन में खड़े हो
जाएं। ताड़ासन अर्थात सीधे खड़े हो जाएं। स्वास सामान्य रूप से लेते रहें।
5-अब घुटनों को थोड़ा मोड़े, और दोनों हाथों को सामने की ओर करें।
6- अब पूरे शरीर का भार दाहिने पैर पर
लाए और बाएं पैर को ऊपर उठाएं।
7- अब बाएं पैर को दाहिने पैर के आगे से
घुमाते हुए पीछे की ओर ले जाएं।
8- इस स्थिति में बायीं जांघ दाहिनी जांघ के ऊपर होगी।
9- अब आप दोनों बाजुओं को कोहनी से
मोड़ते हुए क्राश करना है। ऐसा करते समय बाई बाजू को दाहिनी बाजू के ऊपर रखना है।
10- अब आप दोनों हथेलियों को नमस्कार की
मुद्रा में लाने का प्रयास करें।
11- अब इस मुद्रा में आप जितनी देर तक
आराम से रह सकते हैं अपने आप को इस मुद्रा में रखने का प्रयास करें।
12- फिर धीरे-धीरे अपनी प्रारंभिक
अवस्था में आ जाएं।
13- अब यही प्रक्रिया आप दूसरी ओर से भी
करें।
14- इस आसन को 3
से 5 बार तक किया जा सकता है। लेकिन आप जितनी बार सुविधा
पूर्वक कर सकते हैं उतनी बार करें ।धीरे-धीरे अभ्यास करते हुए बढ़ते रहें।
गरुड़ासन के फायदे-garunasan(eagal
pose) ke fayde
गरुड़ासन करने से बहुत सारे फायदे मिलते
हैं ,जो भी लोग इसके फायदे के बारे में जानेंगे वह लोग इस आसन को जरूर करना
चाहेंगे।जहां तक गरुड़ासन के वैज्ञानिक महत्व की बात है ,तो
इस आसन पर अभी तक बहुत अधिक रिसर्च नहीं किए गए हैं। इसके बावजूद भी इस आसन के
महत्व को इनकार नहीं किया जा सकता। तो अब आइए जानते हैं कि गरुड़ासन करने से
कौन-कौन से फायदे मिलते हैं
शारीरिक संतुलन बनाने में
गरुड़ासन करते समय हमारे शरीर का भार एक
ही पैर पर होता है। इस आसन के अभ्यास से शारीरिक संतुलन को बनाने का प्रयास किया
जाता है। और जब यह आसन हम करते हैं तो हमारे शरीर का शारीरिक संतुलन बनने लगता है।
शुरुआती दौर में शारीरिक संतुलन बनाने में कुछ कठिनाइयां होती हैं। लेकिन
धीरे-धीरे प्रयास करते हुए वह कठिनाइयां दूर हो जाती हैं। जहां तक हो सके इस योग
का अभ्यास किसी योग विशेषज्ञ की देखरेख में प्रारंभ करना चाहिए।
जांघो की मजबूती के लिए
गरुड़ासन करते समय जांघों और कूल्हों में
खिंचाव उत्पन्न होता है। इसलिए इस आसन को करने से जांघें और कुल्हे मजबूत होते
हैं।
मन और शरीर में शांति बनाए रखने में
इस आसन को करने से शरीर और मन में
सामंजस्य स्थापित होता है। जिससे शारीरिक व मानसिक शांति मिलती है।
पैरों की मजबूती के लिए
इस आसन को करने से पैरों और जांघों को
मजबूती मिलती है।
घुटनों के लिए लाभदायक
इस आसन को करने से घुटने मजबूत होते हैं।
हाथों की मजबूती के लिए
गरुड़ासन करने से हाथों की भी मजबूती हो
जाती है।
पीठ को लचीला बनाने के लिए
गरुड़ासन पीठ को लचीला बनाने में
महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि इस आसन को करते समय एक प्रकार का खींचाव् उत्पन्न होता है।
मांसपेशियों की मजबूती के लिए
यह एक प्रकार का स्ट्रैचिंग आसान है। इस
आसन को करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं वह लचीली बनती है।
तनाव को कम करने के लिए
गरुड़ासन करने से तनाव कम हो जाता है
क्योंकि इस आसन को करने से मन और शरीर में तालमेल हो जाता है।
गरुड़ासन करने से पहले करें यह आसन
अधोमुख स्वानआसन
प्रसारित पादोत्तासन
वृक्षासन
गोमुखासन
गरुड़ासन योग की सावधानियां
1- गठिया रोग से पीड़ित व्यक्ति इस आसन
को न करें।
2- यदि नसों में किसी प्रकार की सूजन है
तो भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।
3- जोड़ों में सूजन और चोट होने की स्थिति
में भी यह आसन न करें।
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