शशांकासन योग करने की विधि ,फायदे और सावधानी-shashankasan yog karne ki vidhi(steps) fayde(benefits) aur sawdhani

 योग के लाभ और स्वास्थ्य के लिए लाभ को देखकर भारत ही नहीं बल्कि विश्व के अनेक देशों ने योग को अपनाया है। योग में ऐसी शक्ति है जिसके द्वारा मन और तन दोनों को स्वस्थ बनाया जा सकता है। योगासन बहुत से हैं और प्रत्येक योगासन का शारीरिक और मानसिक दृष्टिकोण से लाभ है। इन्हीं योग मुद्राओं में शशकासन योग भी सम्मिलित है। शशकासन योग हृदय, अग्नाशय ,गुर्दा ,मानसिक स्वास्थ्य व पेट से संबंधित रोगों में लाभ देने वाला आसन है। यदि व्यक्ति इसे नियमित दिनचर्या में अपनाएं तो वह अनेक प्रकार के रोगों से मुक्ति प्राप्त कर सकता है, वह अपने शरीर को स्वस्थ रख सकता है।

शशांकासन योग करने की विधि ,फायदे और सावधानी-shashankasan yog karne ki vidhi(steps) fayde(benefits) aur sawdhani

शशांकासन योग करने की विधि ,फायदे और सावधानी-shashankasan yog karne ki vidhi(steps) fayde(benefits) aur sawdhani

इस आसन को करते समय शरीर की मुद्रा एक खरगोश के समान होती है। अंग्रेजी में इस आसन को रैबिट पोज़(rabit pose)  के नाम से जाना जाता है।और इसका एक दूसरा नाम भी है जिसको मून पोज(moon pose) कहते हैं। इस आसन में दो शब्दों का प्रयोग हुआ है । शशांक और आसन,शशांक का अर्थ होता है चंद्रमा, चंद्रमा व्यक्ति के मन का स्वामी होता है। आसन का अर्थ होता है मुद्रा। इस आसन को करने से मन शांत होता है वह स्थिर हो जाता है। शशांकासन मन को  शांति देने वाला आसन है।

शशांकासन करने की विधि-shashankasan karne ki vidhi

1- शशांकासन करने के लिए इसे साफ सुथरी जगह पर चटाई बिछाकर दंडासन में बैठ जाएं।

2- अपने दोनों पैरों को मोड़ते हुए वज्रासन में बैठे।

3- पीठ और गर्दन को एक समानांतर रेखा में सीधा रखें और अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखें।

4- स्वास सामान्य रूप से खींचते और छोड़ते हुए मन को शांत करें।

5- फिर धीरे-धीरे श्वास को भरते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं।

6- फिर सांस को धीरे धीरे छोड़ते हुए कमर और दोनों हाथों को सामने की तरफ झुका लें।

7- शशांकासन करते समय जब भी आप नीचे की तरफ झुके तो श्वास को छोड़ें ,और ऊपर की तरफ उठे तो स्वास ले।

8- सामने की तरफ झुकते  समय अपने मस्तक को जमीन पर लगाने का प्रयास करें।

9- शरीर को इस स्थित में 4 से 5 सेकंड तक रखें अपनी शारीरिक सामर्थ के अनुसार।

10- सांस को लेते हुए आप वज्रासन की स्थिति में बैठ जाएं।

11- प्रारंभिक समय में अभ्यास करते समय कम समय से शुरुआत करें।

12- फिर नियमित अभ्यास के दौरान समय को बढ़ाते रहें।

 

शशांकासन करने के फायदे-shashankasan ke fayde

1-शशांकासन से तनाव कम होता है

यह योगासनों में सरल आसान है। यह आसन करने में जितना सरल है लाभ  उतने ही  इसके अधिक है।हृदय रोग, कमर दर्द ,पेट की चर्बी ,अग्नाशय, यकृत इस आसन को करने से इन से संबंधित रोगों में लाभ मिलता है।

2-इस आसन के नियमित अभ्यास से तनाव एवं चिंता को बहुत हद तक कम किया जा सकता है। नियमित अभ्यास से क्रोध ,शोक आदि को भी कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका यह आसन निभाता है।

3-क्रोध कम करने में सहायक

अगर किन्ही कारणों से आपको गुस्सा अधिक आता है तो आपके लिए शशांक आसन करना अधिक लाभदायक है क्योंकि इस आसन को करने से मन शांत होता है ,और गुस्सा कम आता है।

4-शशांकासन लिवर एवं किडनी के लिए फायदेमंद आसान है इस आसन को करने से यकृत और गुर्दों की सक्रियता बढ़ जाती है और इन को स्वस्थ रखने में या आसन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

5-यह आसन उदर के रोगों को दूर करता है और उदर भाग को मजबूत करते हुए पाचन से संबंधित सभी प्रकार की बीमारियों को दूर करता है।

6-शशांकासन करने से साइटिका जैसे रोगों में भी आराम मिलता है।

7-यह आसन ह्रदय रोगियों के लिए फायदेमंद है शाशंकासन के अभ्यास से हृदय रोग में बहुत आराम मिलता है ,इसलिए हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति इस आसन का अभ्यास कर सकते हैं ।

8-पीठ एवं गर्दन के दर्द के लिए यह आसन बहुत ही लाभदायक है।

9-जैसा कि ऊपर बताया गया है कि शशांकासन को करने से मन शांत होता है, मन स्थिर हो जाता है। यह आसन करने से याददाश्त अच्छी होती है और स्मरणशक्ति बढ़ जाती है।

10-फेफड़ों की मजबूती के लिए यह एक उत्तम योगाभ्यास है ।इस आसन को करने से फेफड़े मजबूत होते हैं।

शशांकासन करते समय सावधानीshashankasan karte samay sawdhani

1-पीठ दर्द से पीड़ित लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए।

2-हाई ब्लड प्रेशर संबंधित समस्या होने पर भी इसको न करें।

3-चक्कर आने पर भी इसका अभ्यास न करें।

4-हर्निया से पीड़ित व्यक्ति इस आसन को कदापि न करें।

5-स्लिप डिस्क की शिकायत में भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।

6-पेट और सिर में यदि कोई गंभीर समस्या है तो यह योग न करें।

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