नशा जीवन के लिए अभिशाप है-nasha jivan ke liye abhishap hai

                                              नशा जीवन के लिए अभिशाप है-nasha jivan ke liye abhishap hai

नशा सामाजिक व व्यक्तिगत दोनों तरह से हानिकारक है। धूम्रपान अधिक हानिकारक है क्योंकि यह स्वयं को तो हानि पहुंचाता ही है वायुमंडल को दूषित कर आस पास के लोगो को भी छति  पहुचाता है ।


धूम्रपान शराब से ज्यादा हानिकारक है शराबी शराब दिन में एक दो बार पीता है जबकि धूम्रपान करने वाला व्यक्ति थोड़ी –थोड़ी देर पर धूम्रपान करता रहता है ।नशा करने वाले व्यति का सामाजिक स्तर गिर जाता है । नशा स्वयं व समाज के लिए अभिशाप है ।

नशा जीवन के लिए अभिशाप है-nasha jivan ke liye abhishap hai


नशा क्या है-nasha kya hai

नशा एक ऐसा अभिशाप है जिसमें इंसान अपनी अनमोल जिंदगी को समय से पहले ही मौत के हवाले कर देता है। नशा एक ऐसा धीमा जहर है जिससे व्यक्ति को खुद पता नहीं चलता कि कब उसके शरीर के महत्वपूर्ण अंग काम करना बंद कर चुके हैं।पहले तो थोड़े से शौक और मजे के लिए व्यक्ति नशा करता है फिर उसका आदी  हो जाता है।

 

नशा से हानि-nasha se hani

शारीरिक हानि-shareerik hani

 तम्बाकू में निकोटीन नामक पदार्थ होता है जो हमारे शरीर के लिए बहुत हानिकारक है इसके कारण हाई ब्लड प्रेसर व कैंसर जैसी बीमारी हो जाती है ।नशा करने से शरीर की प्रतिरोधक छमता कमजोर हो जाती है जिससे मौसम परिवर्तन होने के कारण शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव का भी मुकाबला नहीं हो सकता सर्दी ,जुकाम, खाशी जैसे समस्याएं बनी रहती है है स्थान परिवर्तन पर कब्ज ,बदहजमी ,अपच आदि नए –नए रोग से शरीर ग्रसित हो जाता है ।प्रकृति द्वारा प्राप्त छमता के नस्ट हो जाने के कारण स्वस्थ्य जीवन असंभव हो जाता है ।सीने में जमा बलगम व्यक्ति को सोने नहीं देता कफ ,खांशी न चैन से जीने देते है न मरने कैंसर ,ह्रदय रोग से तड़प –तड़प कर म्रत्यु  होती है ।

 

मानसिक हानि -mansik hani

नशा मन की इच्छाशक्ति को कमजोर बनता है जिससे व्यक्ति का मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है । तनाव ,घबराहट ,चिड –चिडापन, उदासी  आदि रोगो से ग्रसित व्यक्ति का स्वाभाव परवर्तित हो जाता जरा –जरा सी बात पर चिढ जाना व्यक्ति का स्वाभाव बन जाता है ।

 

आर्थिक हानि -arthik hani

नशा करने वाला व्यक्ति नशे के लिए बराबर अपने धन को बर्बाद करता है आवश्यक चीजे जिससे घर ग्रहस्ती के संसाधन जिसकी उसको प्रतिदिन आवश्यकता है वह उन पर ध्यान न देकर केवल शराब ,सिगरेट पर धन खर्च करता है और जब वह रोग से ग्रसित होता है तब उसके पास इलाज के भी पैसे नहीं होते ।

नशा अभिशाप है  नशा करने वाला व्यक्ति शारीरिक ,मानसिक ,आर्थिक सामाजिक ,पारिवारिक सभी तरह से बेकार हो जाता है 

नशे की लत से छुटकारा कैसे पाएं

एक बार नशा के चंगुल में फंसने के बाद उसमें से निकलना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। लेकिन यदि व्यक्ति में दृढ़ इच्छा संकल्प शक्ति है तो वह इस गलत आदत को छोड़ सकता है। नशा करने वाला व्यक्ति नकारात्मक विचारों से घिर जाता है।वह कभी सकारात्मकता की तरफ देखता तक नहीं है। लेकिन यदि ऐसे लोगों को नशा करने वाले लोगों से दूर रखा जाए तो नशे की लत छूट सकती है।

नशा करने वाले व्यक्ति की दिनचर्या अस्त-व्यस्त होती है। यदि वह नियमित रूप से सही समय से समय और सही समय से जगे ध्यान ,योग ,मेडिटेशन ,प्राणायाम आदि के द्वारा मन में सकारात्मकता की भावना का विकास होता है। इन चीजों को अपनाकर व्यक्ति नशे से छुटकारा पा सकता है। आवश्यकता है प्रयास करने की दृढ़ इच्छा संकल्प शक्ति की।


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