कोई भी व्यक्ति यदि नियमित रूप से अपनी दिनचर्या में मंडूकासन को सम्मिलित करता है, तो कुछ दिनों बाद आश्चर्यजनक परिणाम देखने को मिलते हैं। किडनी, लिवर और आंतों से संबंधित बीमारियां गायब होने लगती। तो आइए जानते हैं कि
मंडूकासन क्या है-what
is mandukasana frog pose
मंडूकासन पेट, लिवर व किडनी से संबंधित बीमारियों को नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका
निभाता है। मंडूकासन को फ्रोग पोज के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि इस आसन को
करते समय शारीरिक मुद्रा मेंढक के समान हो जाती है। इसलिए इस आसन को फ्रॉग पोज
कहते हैं।
मंडूकासन के
फायदे-benefits
of mandukasana in hindi
1-अद्भुत
फायदे हैं इस आसन को करने से
2-कब्ज,
अपच, गैस को दूर करता है मंडूकासन
3- डायबिटीज
के लिए यह आसन बहुत ही लाभदायक आसन है। पैंक्रियाज को एक्टिवेट करने का कार्य इस
आसन के द्वारा होता है, इसलिए इस आसन को करने से डायबिटीज के
रोगियों को अच्छा लाभ मिलता है।
4- पेट से
सम्बंधित रोग गैस,अपच ,अम्लपित्त आदि समस्त रोगों को दूर करने की क्षमता रखता है यह
आसन
5- जिस
व्यक्ति का पेट साफ होता है उसका दिमाग तेज होता है। क्योंकि दिमाग का संबंध पेट
से है पेट खराब तो दिमाग खराब पेट सही तो दिमाग सही।कुछ दिन नियमित अभ्यास से आंतो
में जमा गंदगी बहार निकल जाति है ।
6- मेमोरी
पावर को बढ़ाता है मंडूकासन।
7- मन को
शांत करता है तनाव, चिंता, डिप्रेशन, अनिद्रा को दूर करता है।
8- जिन
लोगों का पेट बढ़ा हुआ है, या पेट में अधिक चर्बी जमा हो गई
है ।फैट बढ़ गया है ।उन लोगों के लिए यह आसन किसी वरदान से कम नहीं है।
9- छाती
की जलन, खट्टी डकार, अम्ल पित्त को दूर
करता है मंडूकासन ।
10-भूख को
बढ़ाने का कार्य करता है मंडूकासन।
11- खाया
पिया अच्छे से हजम होने लगता है।
12- उदासी,
बेचैनी को दूर करके सकारात्मक भावना का विकास करता है यह आसन।
13- उदर
या पेट से जुडी बीमारियों को मंडूकासन दूर करता है ।इस आसन को करते समय पेट के
आन्तरिक अंगो का व्यायाम हो जाता है ।फलस्वरूप पेट से जुडी बीमारियाँ दूर होती है ।
मंडूकासन करने की विधि-method
of mandukasana in hindi
1- सबसे
पहले आप वज्रासन में बैठ जाएं
2- अपने
दोनों हाथों की उंगलियों को मोड़ कर मुट्ठी बना ले।
3- अब
दोनों हाथों की मुट्ठियों को अपनी नाभि से
थोड़ा नीचे लगाते हुए श्वास भरें।
4- अब
धीरे-धीरे श्वास को छोड़ते हुए नीचे की तरफ झुकना है और अपनी गर्दन को ऊपर की तरफ
उठाने का प्रयत्न करना है।
5- अपनी
सुविधा अनुसार जितनी देर तक इस स्थिति में आप अपने आपको रोक सके रुके।
6- पुनः
प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं।
7- इस आसन
को चार पांच बार करिए।
मंडूकासन करते
समय सावधानी-precautions of mandukasana in hindi
1- पीठ
में किसी प्रकार की तकलीफ या दर्द होने पर इस आसन को नहीं करना चाहिए।
2- रीढ़
की हड्डी में समस्या होने पर शासन को ना करें।
3- पेट
में यदि किसी बीमारी के अंतर्गत कोई ऑपरेशन हुआ है तो उन लोगों को भी मंडूकासन
नहीं करना चाहिए।
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