पुदीना के औषधीय गुण -PUDEENA KE AUSHDHEEY GUN
पुदीना एक गुणकारी पौधा है ।इसकी पत्तियों
का इस्तेमाल व्यंजनों का जायका बढ़ाने के साथ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए औषधि के रूप
में इस्तेमाल किया जाता है ।पुदीना हमारे खाने में स्वाद बढ़ाने के अलावा अपने
औषधीय गुणों के कारन भी बहुत ही उपयुक्त है ।अपने इन्ही गुणों के कारण ही पुदीना
लम्बे समय से रसोई घर में अपना विशेष स्थान बनाये हुए है ।पुदीना में एंटीओक्सिडेंट ,एंटीवायरल ,जीवाणुरोधी गुण होते
है ।आइए जानते है पुदीना के औषधीय गुण
1 –पाचन शक्ति वर्धक
पुदीना का मुख्य उपयोग पाचन तंत्र के
विकारो में होता है ।पुदीना हाजमे को मजबूत करता है ।बार –बार होने वाली अपच ,पेट
दर्द ,पेट फूलना आदि पाचन सम्बंधित बीमारी के लिए पुदीना उपयुक्त है ।हैजा होने पर
पुदीने का इस्तेमाल किया जाता है ।हैजा होने पर पुदीने का रस ,प्याज का रस व्
नीम्बू का रस बराबर मात्र में मिलकर लेने से लाभ होता है ।
उल्टी होने पर आधा कप पुदीने का रस पीने
से उल्टी बंद हो जाती है ।पेट दर्द होने पर पुदीने को जीरा ,कली मिर्च और हींग के
साथ खाने से आराम मिलता है ।
2 –कीटाणु नाशक
पुदीना की पत्तियों में कीटाणु नाशक तत्व
होते हैं ।पुदीना की पत्ती चबा कर कुल्ला करने से मुंह की बदबू आनी बंद हो जाती है
।साथ में यह साँस की बदबू की समस्या से छुटकारा दिलाता है ।
3 –गर्मी से बचाव
पुदीना गर्मी के लिए लाभदायक औषधि है ।पुदीने
के रस का सेवन करने से लू लगने की समस्या से बचा जा सकता है ।
4 –त्वचा के फायदे
पुदीना त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद है ।पुदीना
का रस और गुलाब जल रोज रात को चेहरे पर लगा कर सोने से चेहरे का निखार बढ़ता है ।
चेहरे के कील ,मुहासे व् त्वचा का रूखापन दूर होता है ।
5 -स्वसन तंत्र के विकार में लाभदायक
पुदीने के रस को नमक के पानी केसाथ मिलाकर
कुल्ला करने से गले का भारीपन दूर होता है ।और आवाज साफ होती है ।पुदीने का रस
कालीमिर्च और काला नमक के साथ उबाल कर चाय की तरह पीने से जुकाम ,खांशी में रहत मिलती है ।
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6-सर्दियों में लाभदायक
जब भी आपको सर्दी लगती है तो पुदीने का
नाम आता है इसकी वजह यह है कि पुदीना सर्दी दूर भगाने में बहुत अधिक लाभदायक
है।इसकी तेज गंध बंद नाक पर तेजी से असर दिखा कर उसे खोलती है और आराम से स्वास
लेने में मदद करती है।
यह कफ निकालने में मदद करता है। जब आप
खांसी सर्दी से पीड़ित होते हैं तो इसके एंटीबैक्टीरियल और anti-inflammatory
गुण श्वास लेने संबंधी परेशानियों को दूर करने के साथ-साथ सूजन को
दूर करने में भी मदद करते हैं।खांसी में आराम के लिए पुदीने के पत्तों को या फिर
उसके रस को गर्म पानी में डालकर भाप लें। पहले नाक से भाप में सांस लेकर फिर उसे
वापस छोड़ें। ऐसा कई बार करे।इससे गले और नाक दोनों के ही तकलीफ में राहत मिलती
है। साथ ही पुदीने की चाय से भी इस समस्या से छुटकारा मिल जाता है।
7-रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए
पुदीने के पत्तों में कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन सी, डी की
और विटामिन बी कांप्लेक्स की थोड़ी मात्रा होती है। माना जाता है कि यह सारी चीजें
इम्यूनिटी को बूस्ट करने में रोग
प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होती हैं। इन सभी के कारण बीमारियों से शरीर
का ज्यादा से ज्यादा बचाव होता है। उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार होता है और
शरीर संक्रमण और सूजन से भी सुरक्षित रहता है।
8-तनाव कम करने के लिए
पुदीना के पत्ते में तनाव कम करने के भी
सारे गुण हैं।
क्योंकि इसमें मौजूद मेंथाल मांसपेशियों
को आराम देता है और प्राकृतिक एंटी
स्पस्मोडिक होने के कारण पुदीने की चाय के सेवन से मानसिक तनाव में आराम
मिलता है।
9- आत्र क्रम में पुदीने का रस दें।
10-अजीर्ण होने पर पुदीने का रस पानी
में मिलाकर पीने से लाभ होता है।
11-पेट दर्द में 3 ग्राम पुदीने के रस
में जीरा, हींग, काली मिर्च कुछ नमक
डालकर गर्म करके पीने से लाभ होता है।
12-प्रसव के समय पुदीने का रस पिलाने से
प्रसव आसानी से हो जाता है।
13-बिच्छू या बर्र के दंश स्थान पर पुदीने का अर्क लगाने से यह विष को खींच लेता है और दर्द को भी शांत करता है।
14- 10 ग्राम पुदीना व् 20 ग्राम गुड़ 200 ग्राम पानी में उबालकर पिलाने से बार-बार उछलने वाली पित्ती ठीक हो जाती
है।
15-बुखार के कारण आई निर्बलता भी दूर हो
जाती है।
16-धनिया सौंफ हुआ जीरा सम भाग में लेकर
उसे पीस लें। फिर 100 ग्राम
पानी मिलाकर छान लें। इसमें पुदीने का अर्क मिलाकर पीने से उल्टी का शमन होता है।
17-पुदीने के पत्तों को पीसकर शहद के
साथ दिन में तीन बार चाटने से अतिसार में राहत मिलती है।
18-हरे पुदीने की 20 से 25
पत्तियां मिश्री और सौंफ 10 ग्राम और कालीमिर्च 2-3 दाने इन सब को पीस लें और सूती साफ कपड़े में
रखकर निचोड़ लें इस रस की एक चम्मच मात्रा लेकर
एक कप गुनगुने पानी में डालकर पीने से हिचकी बंद हो जाती हैं।
इस लेख में पुदीने के जो भी औषधीय गुण हैं
व उसके इस्तेमाल की विधि है वह बताया गया है। लेकिन इसको इस्तेमाल करने से पहले
किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लेकर ही इसका इस्तेमाल करें।
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