सुखी जीवन जीना है तो रखें इन बातों का ध्यान-SUKHI JEEVAN JEENA HAI TO RAKKHE IN BATO KA DHYAN

सुखी जीवन जीना है तो रखें इन बातों का ध्यान-SUKHI JEEVAN JEENA HAI TO RAKKHE IN BATO KA DHYAN

सुखी जीवन कैसे बनाते है -what make a happy life


 एक छोटी सी भूल सदियों की सजा बन जाती हैइसलिए हमें जीवन को सही और व्यवस्थित तरीके से जीना चाहिए। जिन माता पिता ने हमें जन्म दिया है जिनका खून हमारी नस-नस में दौड़ रहा है ।जिनके जीवन का सार हमारे जीवन में बह रहा है। और जो हमारे जन्मदाता हैं। उन्हें बुढ़ापे में खून के आंसू बहाने पर मजबूर करना कायरता है। अपने कृत्यों से उनको दुख देना घोर अपराध है।

हमें जीवन में उपयोगिता के बदले उपयोगिता। भावना के बदले भावना चाहिए, लेकिन कर्तव्य के बदले कुछ नहीं लेना चाहिए।

क्योंकि कर्तव्य तो निस्वार्थ भावना से किए जाते हैं।(इसको भी पढ़े- रोगमुक्त जीवन कैसे जियें )

जिन माता पिता ने अपने खून से हमें बड़ा किया उनके लिए खून बहा देना मानवता है। जबकि असहाय जीवो का खून बहा देना हिंसा और अमानवीयता है।

अतः हमें कर्तव्यनिष्ठ होकर जीवन जीना चाहिए, क्योंकि कर्तव्य के पालन में तर्क नहीं समर्पण की जरूरत पड़ती है। अतः आप भी सुखी जीवन जीना चाहते हैं तो इन तीन सूत्रों को हमेशा अपने जीवन में अपनाएं।

१- उपयोगिता-जो संबंधों को प्रगाढ़ करती है और संबंधों में एक प्रेम पूर्वक व्यवहार उत्पन्न करती है जिस से संबंध प्रगाढ़ होते हैं।

२- भावना- भावना परिवार को मजबूत करती है। एक दूसरे से सामान्य सामंजस्य स्थापित करती है।

३- कर्तव्य - कर्तव्य घर, परिवार, समाज में एकता एवं समन्वय स्थापित करने का कार्य करता है।

जो भी व्यक्ति सुखी, स्वाभिमान एवं सम्मान के साथ जीवन जीने के लिए यह सूत्र अपनाते हैं उनका जीवन सुखी बन जाता है और वह दूसरों को भी सुख देते हैं।

गंगाजल पीने से ज्यादा पुण्य बूढ़े मां बाप के आंसू पोंछने से मिलता है।

माला जपने वाले हाथों से ज्यादा पवित्र वह हाथ होते हैं जो सेवा भाव के लिए आगे बढ़ते हैं और सेवा करते हैं।

कर्तव्य के पालन में तर्क कि नहीं समर्पण की जरूरत होती है।

प्रेम भीख में नहीं मिलता है। उसे जितना बांटोगे उतना ही मिलेगा।

बहू को कभी नौकरानी समझने की गलती मत करो वह भी किसी की बेटी है। बेटी की तरह रखो वो भी तुम्हारा मां की तरह ख्याल रखेगी।

जीवन जीने के लिए क्या जरूरी है-jeevan jeene ke liye jaroori hai

जीवन बहुत जटिल और बहुत उतार-चढ़ाव से भरा है। जीवन में खुशियां है कहीं तो कहीं दुख भी है। दरअसल सुख और दुख एक दूसरे के पूरक हैं। इनके बीच में एक संतुलन बनाकर जीवन को जीने का आनंद लिया जा सकता है। जिंदगी हमें जीने के अनेक मौके प्रदान करती है। खुशी का एक मौका हाथ से निकल जाने का मतलब यह नहीं है कि ऐसा मौका फिर दोबारा नहीं मिलेगा। दरअसल हम खुद ही मान लेते हैं कि इससे अच्छा हमारे लिए कुछ नहीं तो अंततः यही सच भी हो जाता है। इस तरह से हम आने वाले अवसरों को स्वयं ही ठुकरा देते हैं।

अच्छी जिंदगी जीना इतना कठिन नहीं है जितना लगता है।यह छोटी-छोटी चीजों के बारे में जो मिलकर हमारे जीवन में एक बड़ा अंतर ला देती हैं। ऐसी ही कुछ बहुत ही बेसिक से और छोटी-छोटी चीजें हैं जिन्हें अपने जीवन में अपनाकर आप अपनी जिंदगी को खुशनुमा बना सकते हैं। जो इस प्रकार है ।  (इसको भी पढ़ें -मधुमेह से कैसे बचें )

1-सबसे पहले स्वयं से प्रेम करें अपने लिए जिए ना कि दूसरों के लिए आपको कोई इतना खुश नहीं कर सकता जितना कि आप स्वयं को कर सकते हैं।

2-हमेशा पैसे के लिए ही काम मत करें धन अपेक्षाकृत महत्वहीन है आपका धन आपकी खुशी से मापा जाता है ना कि आपके बैंक बैलेंस से।

3-हमेशा जिंदगी में कुछ न कुछ सीखते रहें अगर सीखना छोड़ दोगे तो जिंदगी में हमेशा असफलता का सामना करना पड़ेगा।

4-जितना संभव हो सके दूसरों की गलतियों को माफ करते रहे यदि कोई जानबूझकर आपको नीचा दिखाना चाहता है तो उससे किनारा कर ले ऐसे व्यक्ति से उलझना बेवकूफी है।

5-आपके द्वारा अच्छी तरह से व्यतीत किया जीवन दूसरों के लिए भी सबक बनता है जिससे व्यापक स्तर पर बदलाव आता है।

6-आप हमेशा याद रखें कि जीवन में आगे क्या होने वाला है यह कोई भी व्यक्ति नहीं जानता है।

7-यदि आप समाज में उन्नति का कार्य नहीं कर सकते तो आप का धनी होना और ज्ञानी होना व्यर्थ है।

8-अपने जीवन में आप लोगों को महत्व दें तभी वह आपको महत्व देंगे।

9-दूसरों के जीवन के बारे में भी जानने की इच्छा रखें क्योंकि आपको उनकी जिंदगी से कुछ अच्छा सीखने को मिल सकता है।

10-आलोचनाओं से ना डरे उनका सामना करें और आगे बढ़े हैं।

11-अपनी गलतियों को स्वीकार करें और उनसे सीख ले।

12-हर दिन अपने आप को कुछ न कुछ नया करने की चुनौती दें।

सुखी जीवन का रहस्य-jeevan ka rahasy

आत्म शांति एवं संतोष ही सुखी जीवन का रहस्य है।जब तक इंसान को संतोष नहीं मिलता वह जीवन की मोह माया में फंसा ही रहता है ।और जो इस मोह माया में फंसता है उसे कभी चैन नहीं मिलता है।

जीवन का सुख संतोष में है।अगर मनुष्य उसे स्वीकार कर ले और उसी में खुशियां तलाशते तो उसी क्षण सारे सुख का अनुभव कर लेता है।

हम सुखी जीवन कैसे व्यतीत कर  सकते है -ham sikhi jivan kaise vytit kar sakte hain 

अपने पास जो भी ईश्वर का दिया है उसी में संतोष करना और अपनी इच्छाओं को सीमित रखना ही संतोष है। जिसकी इच्छाएं सीमित है वह सुखी जीवन जी रहा है। और जिस की इच्छाएं असीमित हैं वही जीवन का दुख है। संतुष्टि ही जीवन का मूल मंत्र है अगर इंसान में संतोष है तो कोई दुख उसे तोड़ नहीं सकता यह जीवन का रहस्य है यही जीवन का मूल मंत्र है (इसे पढ़ें -फेफड़ों को मजबूत कैसे करें )

जीवन जीने का सबसे अच्छा तरीका-jeevan jeene ka sabse acchha tareeka

1-जीवन जीने का सबसे अच्छा तरीका है कि बिना किसी पश्चात आपके जीवन को जीना है। अपनी गलतियों से सीखे और उन्हें भूल कर आगे बढ़ना सुनिश्चित करें।

2-फिट रहें और अपने स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। हमेशा अपना ख्याल रखें ताकि आप दूसरों की देखभाल करने के लिए तैयार रहें।

3-दूसरों से ईर्ष्या करना बंद कर दें। यह केवल आपकी सुंदरता को खाती है। अपने आप पर अधिक विश्वास रखें आपको कुछ ऐसा मिला है जो अन्य लोग नहीं करते हैं।

4-शिकायत करना छोड़ दें। अपनी समस्याओं के बारे में शिकायत करना बंद करें बजाए काम करते रहे।

5-जीवन में अपना अवसर स्वयं बनाएं।अपने जीवन में उतारने के अवसरों की प्रतीक्षा न करें बल्कि बाहर जाकर अपने अवसरों का सृजन करें।

6-अपने जीवन का लक्ष्य तय करें अपने आदर्श जीवन को डिजाइन करें और अपना लक्ष्य निर्धारित करें।

7-जीवन में अपने जुनून की खोज करें यह समझने की कोशिश करें कि मैं अपने जीवन में कुछ अच्छा कर सकता हूं।

8-दयावान बने विनम्र रहे और आसपास के सभी लोगों पर दया करें।

सुखी जीवन जीने के लिए उपरोक्त बातों का अपने जीवन में ध्यान रख कर के हम एक सुगम व सरल सुखमय जीवन व्यतीत कर सकते हैं। जीवन में अनेक उतार-चढ़ाव आते हैं जीवन में कई तरीके की कठिन परिस्थितियां भी आती हैं ।उन परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए जीवन में आगे बढ़ने का क्रम ही जीवन है। विपरीत परिस्थितियों पर विजय प्राप्त करके उनका सामना करके अपने जीवन के अनुकूल करना ही जीवन का अहम बिंदु है।


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