विपरीत करनी योगासन के फायदे तरीका और सावधानियां-viprita karni yogasana ke fayde tarika aur sawdhani

अपने आप को फिट रखने के लिए व जीवन में स्वस्थ रहने के लिए योग करना आवश्यक हो जाता है। भाग दौड़ भरी जिंदगी,अनियमित खान-पान के कारण शरीर में किसी न किसी प्रकार का विकार हो जाता है।

 जो परेशानी का कारण बनता है।अब ऐसे में आवश्यकता होती है कि अपने शरीर को कैसे मजबूत बनाएं जिससे हमारा शरीर स्वस्थ रहे और मन शांत रहे इन सब परेशानियों से यदि बचना है, तो योग करना चाहिए ।


क्योंकि योगासन करने से शरीर दुरुस्त रहता है और मानसिक शांति भी प्राप्त होती है इन्हीं योगासनों में एक आसन है ।विपरीत करनी योगासन, यह योगासन शरीर को मजबूत बनाता है ।

 विपरीत करनी योगासन के फायदे तरीका और सावधानियां-viprita karni yogasana ke fayde tarika aur sawdhani

विपरीत करणी योगासन क्या है

विपरीत करनी योगासन के फायदे तरीका और सावधानियां-viprita karni yogasana ke fayde tarika aur sawdhani


जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है विपरीत करणी योगासन, विपरीत अर्थात उल्टा होना ,करणी अर्थात करना ।यानी अपने शरीर को उल्टा करना। अंग्रेजी में इस आसन को लेग्स अप द वॉल पोज(legs up the wall pose) के नाम से भी जाना जाता है।

 इस योग आसन को करने से तंत्रिका तंत्र को आराम मिलता है और इस आसन के नियमित अभ्यास से मन को भी शांति मिलती है। आत्मा को प्रबल बनाने का कार्य यह आसन करता है। अब आइए जानते हैं कि इस आसन को करने से कौन से फायदे मिलते हैं।

विपरीत करनी योगासन करने के फायदे

1- इस आसन को करते समय मस्तिष्क नीचे की तरफ होता है जिससे मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है।मस्तिष्क में रक्त संचार की मात्रा सुचारू से होने के कारण इस आसन को करने से मानसिक प्रसन्नता प्राप्त होती है, और मन एकाग्र होता है ,सिर दर्द और माइग्रेन जैसी समस्याओं में इस आसन को करने से लाभ मिलता है।

2- इस आसन को करते समय स्वास को नियंत्रण में रखा जाता है जिसे श्वास संबंधी समस्याएं व फेफड़े से जुड़े हुए रोग ठीक होते हैं।रक्त के प्रवाह को नियंत्रण करने के कारण इस आसन को करने से आंख और कान की समस्याओं में भी लाभ मिलता है।

3- विपरीत करनी योगासन पाचन से जुड़ी हुई समस्याओं को दूर करता है कब्ज व गैस संबंधित शिकायत इस आसन को करने से दूर होती है।

4- मूत्राशय से संबंधित बीमारियों में इस आसन को करने से लाभ मिलता है।

5- हाई ब्लड प्रेशर ,लो ब्लड प्रेशर को ठीक करने में या आसन काफी हद तक मदद करता है।

6- शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।

7- विपरीत करनी योगासन करने से महिलाओं में मासिक धर्म से संबंधित समस्याएं भी दूर  होती हैं। यह मासिक धर्म की तमाम परेशानियों को कम करने में मदद करता है ,इसलिए महिलाओं के लिए यह एक उपयोगी आसन है।

8- विपरीत करणी योगासन करते समय मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह सुचारू रूप से होने के कारण चेहरे पर निखार आता है और चेहरे में दाग धब्बे झुर्रियां दूर होकर चेहरा खिला हुआ रहता है।

9- इस योग आसन को करने से बढ़ती हुई उम्र का असर कम दिखाई देता है ।चेहरे की झुर्रियां गायब हो जाती है।

10- इस आसन को करने से कंधे और गर्दन के दर्द में आराम मिलता है।

11- जिन लोगों का चेहरा अक्सर मुरझाया हुआ होता है, वह लोग यदि नियमित रूप से इस आसन का अभ्यास करें ,तो उनका चेहरा खिल जाता है।

विपरीत करनी योगासन करने का तरीका

1- इस आसन को करने के लिए जमीन पर कोई चटाई वगैरह बिछा लें और पीठ  के बल लेट जाएं।

2- अब दोनों पैरों और हाथों को जमीन पर सीधा रखें।

3- फिर धीरे-धीरे दोनों पैरों को ऊपर की तरफ उठाएं। ध्यान रहे पैरों को उठाते समय आपकी कमर का 70% भाग ऊपर की ओर होना चाहिए।

4- इस आसन को करते वक्त आपके दोनों हाथ कमर के निचले हिस्से पर रहेंगे, जिससे शरीर का संतुलन बनाने में आसानी होती है।

5- चेहरे को थोड़ा सा पीछे की ओर रखना होता है।

6- कुछ समय तक ऊपर की तरफ रहे हैं फिर धीरे-धीरे वापस आ जाए।

7- इस आसन को करते समय अपने आप को इस पोज में जितने समय तक अपनी सामर्थ्य के अनुसार रोक सके, रुके जबरदस्ती ना करें।

इस आसन को करते समय सावधानियां

1- सर्वाइकल की समस्या से ग्रसित लोग इस आसन को न करें।

2- हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को  इस आसन को करने से बचना चाहिए।

3- गर्दन में किसी प्रकार की दर्द या चोट हो उस स्थिति में इस आसन को नहीं करना चाहिए।

4- स्वास् संबंधी समस्या जैसे अस्थमा आदि के रोगियों को भी विपरीत करणी योगासन नहीं करना चाहिए।

विपरीत करनी योगासन करने से पहले करने वाले आसन

बालासन

भुजंगासन

मर्जरी आसन

विपरीत करणी योगासन करने के बाद के आसन

शवासन

शवासन कोई भी आसन करने के बाद शवासन करना चाहिए क्योंकि शवासन करने से शरीर को पूर्ण विश्राम मिलता है।

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