कुर्मासन करने की विधि फायदे और सावधानी |Kurmasana Steps Benefits And Precaution In Hindi

  कुर्मासन करने की विधि फायदे और सावधानी |Kurmasana Steps Benefits And Precaution In Hindi

दोस्तों नमस्कार इस लेख में कुर्मासन करने की विधि ,फायदे और सावधानी के बारे में आप जानेंगे। योगासन यदि सही तरीके से किया जाता है तो उसे बहुत सारे लाभ मिलते हैं। सबसे पहले आइए जानते हैं कुर्मासन क्या है।

 कुर्मासन क्या है| What Is Kurmasana In Hindi

कुर्मासन को कछुआ पोज के नाम से भी जाना जाता है। इसे इंग्लिश में( Tortoise Pose) भी कहते हैं। यह  संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है। कुर्मा अर्थात कछुआ, मुद्रा अर्थात आसन। 

इस आसन को करते समय शारीरिक आकृति कछुए के समान हो जाती है। जिस तरह से कछुआ अपनी खोल से  पैरों को निकालता है। वैसी ही आकृति दिखाई देती है। इस आसन को करने से व्यक्ति अंतर्मुखी होता है। बाहरी दुनिया के प्रभाव से बचा रहता है।

इस आसन को करने से अनेक प्रकार के लाभ मिलते हैं। आइए जानते हैं करने की विधि।

कूर्मासन करने की विधि | Kurmasana Spteps In Hindi

कुर्मासन करने की विधि ,फायदे और सावधानी


1-इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पैरों को सामने फैला कर जमीन पर बैठ जाएं।

2-अपने पंजों को जितना संभव हो सके उतनी दूर -दूर फैला लें। अपनी एड़ियों को जमीन से स्पर्श करते हुए घुटनों को मोड़ें।

3-अपने कूल्हों से सामने की ओर झुक कर हाथों को घुटनों के नीचे रखें। ऐसा करते समय आपकी हथेलियां ऊपर की ओर होनी चाहिए।

4-आगे की तरफ झुकते हुए धीरे-धीरे अपनी भुजाओं को पैरों के नीचे की तरफ से पीछे की ओर लेकर जाएं।

5-अपनी सामर्थ्य के अनुसार आप घुटनों को अधिक मोड़ सकते हैं।

6-अपने हाथों को पीछे की ओर तब तक बढ़ाते जाएं जब तक कोहनिया घुटनों के पीछे के भाग के निकट न पहुंच जाएं।

7-ऐसा करते समय पीठ की पेशियों में तनाव न हो धीरे से अपनी एड़ियों को आगे की तरफ ले जाए, और पैरों को अधिक से अधिक सीधा करने का प्रयास करें। हाथों और पैरों पर दबाव के कारण आपका शरीर आगे की तरफ झुकने लगेगा।

8-धीरे-धीरे आराम से शरीर को आगे की तरफ झुकाते हुए जब आपकी ठुड्डी  जमीन को छू ले तब झुकाना बंद करें। ध्यान रहे शरीर को आगे झुकाते समय अधिक बल का प्रयोग न करें।

9-अपने हाथों को पीठ के चारों और लपेट लें और कूल्हों के पीछे दोनों हाथों की उंगलियों को फसा लें।

10-धीरे-धीरे श्वास लेते हुए अपनी आंखों को बंद कर ले शरीर को आराम दें।

11-आप यथासंभव जितनी देर हो सके इस अवस्था में रहे।

12-फिर वापस पुरानी अवस्था में लौट आए।

13-इस तरह आपका एक चक्र पूरा हुआ।

14-यदि आप चाहें तो इस तरह से 3 से 5 चक्रों तक अभ्यास कर सकते हैं।

कुर्मासन के फायदे | Kurmasana Benefits In Hindi

1-उपरोक्त बताई गई विधि से आसन करने से अनेक तरह के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। आइए जानते हैं कौन-कौन से लाभ है।

2-जिस तरह से कछुए का जीवन लंबा होता है ,उसी तरह से इस आसन को करने से व्यक्ति लंबे समय तक जीवन जीता है।

3-आज के समय में व्यक्ति का जीवन तनाव से भरा हुआ है चाहे वह पढ़ाई करने वाला छात्र हो या फिर गृहस्थी या कारोबारी हर जगह तनाव होता है। तनाव को कम करने के लिए कुर्मासन एक बेहतर योगासन है।

4-इस आसन को करने से पेट से संबंधित रोग ,जैसे कब्ज ,गैस की परेशानी दूर होती है और पाचन तंत्र बेहतर होता है।

5-शुगर के रोगियों के लिए यह एक अच्छा आसन है इस आसन का अभ्यास करने से शुगर जैसी बीमारी में भी राहत मिलती है।

6-इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी में रक्त संचार बढ़ता है जिससे तंत्रिकाएं शांत होती हैं ,और सिर दर्द ,गर्दन दर्द में आराम मिलता है।

7-इस आसन को करते समय मस्तिष्क में रक्त संचार की मात्रा अधिक होने के कारण मानसिक शांति और धैर्य बना रहता है।

8-इस आसन को करने से घुटने मजबूत होते हैं टांगो की मांसपेशियां फैलती हैं और इनको स्वस्थ रखने में यह आसन महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

9-कुंडली शक्ति के जागरण के लिए भी इस आसन को महत्वपूर्ण माना गया है।

10-इस आसन को करने से क्रोध कम होता है। डर समाप्त हो जाता है।

11-इस आसन के नियमित अभ्यास करने वाले लोगों के शरीर और मन में एक नई शक्ति का एहसास होता है।

12-पेट की चर्बी को कम करने में भी यह आसन बहुत लाभदायक है।

कुर्मासन करते समय सावधानी | Kurmasana Precautions In Hindi

1-यह एक कठिन योगाभ्यास है। इसे उन्हीं व्यक्तियों को करना चाहिए जो लोग आगे झुकने वाले आसन आसानी से कर लेते हो।

2-यदि रीढ़ की हड्डी ,घुटनों में किसी प्रकार का दर्द है,तो इस आसन को करने से बचना चाहिए।

3-इस आसन का अभ्यास करते समय आगे की तरफ झुकने पर यदि आपको कठिनाई होती है, तो किसी योग चिकित्सक की देखरेख में ही इस आसन को करें।

4-जिन लोगों के कमर में दर्द हो उन्हें यह आसन करने से बचना चाहिए।

5-इस आसन का अभ्यास तभी करें जब आप की रीड की हड्डी लचीली हो।

बताई गई सावधानियों को ध्यान में रखते हुए आसन को करना चाहिए जिससे पूर्ण लाभ मिल सके।

कुर्मासन से पहले करने वाले योगाभ्यास

1-बद्ध कोणासन

2-गरुड़ासन

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