तनाव मुक्त जीवन -tension free life

 तनाव मुक्त जीवन (tension free life)जीने के लिए कौन कौन से बाते जरूरी है -tanav mukt jivan jine ke liye kaun kaun si baten jaruri hain

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में किसी न किसी वजह को लेकर कुछ ना कुछ तनाव रहता ही है।समस्या चाहे कोई भी हो समस्या को सोचते सोचते जीने से उसका समाधान तो नहीं मिल जाता है। इसलिए हमें चिंता मुक्त रहना चाहिए ,तनाव मुक्त रहना चाहिए। जब व्यक्ति तनाव मुक्त रहता है तो उसकी मानसिक स्थिति संतुलित रहती है। आज इस लेख में हम जानेंगे की कौन-कौन सी चीजों को अपनाकर के जीवन को तनाव मुक्त किया जा सकता है।

तनाव क्या है-tanav kya hai

जब व्यक्ति तनाव में होता है तब उसके चेहरे के हाव-भाव बदल जाते हैं। क्या आप जानते हैं कि व्यक्ति तनाव में जब होता है 729 और मांसपेशियों को वह उपयोग में लाता है। लेकिन जब व्यक्ति मुस्कुराता है तब केवल 4 नस और मांसपेशियों का उपयोग करता है। तनाव आपके चेहरे की हंसी को भी समाप्त करता है।

शरीर स्वास ,मन ,बुद्धि, स्मृति, अहम और आत्मा यह हमारे अस्तित्व के साथ स्तर होते हैं। मन आपकी चेतना में विचार और उनके अनुभवों की समझ है। विचार निरंतर बदलते रहते हैं। आत्मा हमारी अवस्था का सूचना पहलू है। जो शरीर और मन को मिलाती है वह हमारी स्वास है।

समय परिवर्तन होता रहता है हमारा शरीर भी कई प्रकार के बदलावों से गुजर जाता है उसी तरह मन ,बुद्धि ,समझ, धारणाएं, स्मृति और अहम भी हैं। लेकिन आपके अंदर कुछ ऐसा है जो कभी नहीं बदलता। वह आत्मा होती है जो कभी बदलती नहीं है।इस कभी न बदलने वाली आत्मा से ही हमें नाता जोड़ना है ,जब हमारा नाता इस आत्मा से जुड़ जाएगा तब तनाव कम होगा। भावनात्मक स्थिरता तनाव का मुख्य कारण है।

तनाव की मुक्ति के उपाय-tanav mukti ke upay

तनाव मुक्त जीवन -tension free life


तनाव मुक्त होने के लिए और कोई ही ऊर्जा को पुनः प्राप्त करने के लिए प्रकृति ने एक व्यवस्था बनाई है जो निद्रा है। निद्रा शरीर की सारी थकान को मिटा देती है। फिर भी शारीरिक प्रणाली में कुछ तनाव रह जाता है।अब यह जो कुछ तनाव रह जाता है इन से मुक्त होने के लिए प्राणायाम और ध्यान करना चाहिए।प्राणायाम और ध्यान तनाव से मुक्ति दिलाते हैं। हमारी शारीरिक और मानसिक मजबूती प्राणायाम के द्वारा मिल जाती है यह एक प्रकार का गहरा विश्राम होता है। और भी कुछ तरीके हैं जिनको जीवन में अपनाकर तनाव मुक्त रहा जा सकता है

अपने कार्य करने की प्रवृत्ति बदलें

एक सूची बना ले उसके अनुसार कार्य करें किसी भी कार्य को टालने की प्रवृत्ति से बचें।

अतिरिक्त भार से बचे

जितना कार्य आप आसानी से कर सकते हैं ,आप उतना ही कार्य लें अपनी क्षमता से अधिक कार्य करने की जिम्मेदारी नहीं लें

समय को बर्बाद ना करें

समय बहुत ही मूल्यवान है समय हमारे लिए अमूल्य धरोहर है। इसका उपयोग ध्यानपूर्वक करें।

बुरी आदतों का त्याग करें

मनुष्य का जीवन ऐसा जीवन होता है कि वह बुरी आदतों को अपनाकर अपने शरीर को नष्ट कर लेता है।जब देखती जन्म लेता है तब वह पूर्ण स्वस्थ होता है और शरीर के सभी अंग बिल्कुल सही होते हैं। लेकिन अपनी बुरी आदतों के कारण, नशा के द्वारा व गलत चीजों का इस्तेमाल करके अपने शरीर को नष्ट कर लेता है

उसे हमेशा किया ध्यान देना चाहिए कि हमारे अंदर कौन-कौन सी बुरी आदतें हैं और इनको बंद कर देना चाहिए यह आदतें ही तनाव का कारण बनती हैं।

झूठ कभी ना बोले

झूठ बोलने का भी संबंध कुछ हद तक तनाव का कारण होता है। जो भी व्यक्ति झूठ बोलता है वह बहुत बड़ा गुनाह करता है।क्योंकि एक झूठ को सत्य बनाने की होड़ में पता नहीं कितने झूठ व्यक्ति को बोलने पड़ते हैं जिससे उसका तनाव बढ़ता है।

अच्छी किताबें पढ़ें

तनाव से बचने के लिए अच्छी किताबें पढ़ना चाहिए। हमेशा उस तरीके की पुस्तके पड़े हैं जो व्यक्ति के जीवन में व्यक्ति को आगे बढ़ने की शिक्षा देती है।

1  हमें अपनी दिनचर्या को सही रखना है 

प्रति दिन सुबह जल्दी बिस्तर को छोड़ देना चाहिए मन में हमारे केवल पॉजिटिव विचार POSITIVE  THINKING होना चाहिए थोडा मोर्निंग वाक करना चाहिए सुबह घुमने से हमारा दिमाग ताजा रहेगा और हमारे सोचने की छमता व शारीरिक विकाश में सहयोग होगा ईससे भी तनाव मुक्त TENSION FREE जीवन में सहयोग होगा 

अनंत शक्ति का भंडार है हमारा शरीर 

भक्तों पर भगवन की कृपा 

आत्मा और परमात्मा में कोई भेद नहीं 

2 परिवार में सामंजस्य 

   परिवार के ब्यक्ति जैसे माता पिता भाई बहन आदि लोगो में किसी प्रकार का तनाव न रहे बहुत से परिवारों में पारिवारिक ब्यवहार  एक दुसरे के प्रति प्रेम में कमी के कारण  बनी रहती है है जिसके कारण आपसी तनाव रहता है हमें अपने परिवार में एक दुसरे का सम्मान करना चाहिए आपस में बैठकर बात करनी चाहिए व अपने कार्य को पूर्ण जिम्मेदारी से करना होगा इ हम अपने जीवन को तनाव मुक्त रख सकेंगे 

3 कार्य के प्रति इमानदारी 

  हमें  अपने परिवार की तरफ से जो भी कार्य मिला है उसका पूर्ण पालन करे जैसे शिक्षा ग्रहण करने वाले लोग परिवार में है तो उनको अपनी शिक्षा पर ध्यान देना है जिससे उनको देखकर माता पिता हमेशा प्रसन्न रहे उनको यह एहसास हो  हमारे बच्चो का भविष्य अच्छा है  


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